Transcript
क्या आपको पता है रन अवे क्लाइमेट चेंज
क्या होता है मुझे भी नहीं पता था मुझे तब
पता चला जब मैंने सोनम वांगचुक से पूछा था
कि अगर ऐसे ही तापमान बढ़ता रहा ऐसे ही
हमारा क्लाइमेट चेंज होता रहा तो 2050 तक
मतलब आज से सिर्फ 25 साल बाद हमारी धरती
कैसी दिखेगी मुझे तब पता चला था तो ऐसे ही
चलते रहे तो सबसे पहले तो पानी की समस्या
होगी पानी की समस्या होगी जो जखीरे हैं
पानी के रिजर्वायर्स वो सब पिघल जाएंगे
फिर जब ग्लेशियर नहीं रहे तो बारिश पर
डिपेंड करेंगे बारिश तो जैसे ही आता है
वैसे ही बह जाता है और बह भी ऐसे जाता है
कि वह नाश करता हुआ बहता है ग्लेशियर्स
एक्चुअली बैटरी है पानी के जिसमें जब भी
गिरे बर्फ वो वहीं रुक जाएगा ऊंचाइयों पर
और नीचे धीरे-धीरे आएगा डिस्चार्ज
धीरे-धीरे होगा और क्लाइमेट चेंज के साथ
बर्फ कम और कम पड़ता जाएगा जो अच्छी बात
है वह कम और कम होगा बारिश ज्यादा और
ज्यादा होता जाएगा जब जरूरत होगी मिलेगा
नहीं खेती करने को जब नहीं चाहिए तब बाढ़
आ जाएगा तो हालत सोचिए आप फिर जब तापमान
बढ़ता जाएगा तो ह्यूमन कैपेसिटी से बाहर
जाएगा अब 45 50 जा रहा है कहां जाए फिर
लोग भागने लगेंगे भागने का एक और कारण भी
होगा वह सिर्फ फिजिकल कंफर्ट नहीं होगा वह
तो चलो आप एसी लगा देंगे कुछ कर देंगे
जिससे समस्या और बढ़ जाएगी और बढ़ जाएगी
और 35 36 डिग्री से फोटोसिंथेसिस बंद होना
शुरू हो जाता है तो आपके क्रॉप्स फेल
होंगे खेत नहीं पक सब्जियां नहीं बनेंगे
प्लांट्स अपना काम बंद कर देगी
फोटोसिंथेसिस जिस परे कि हम जीते हैं हम
प्लांट्स को खाते हैं और प्लांट्स अगर
नहीं बनने लगे तो फिर कोई वजह नहीं रहेगा
इतनी गर्मी खाने को कुछ नहीं ना पीने को
पानी तो फिर लोग उधर जाएंगे जहां अभी भी
शीतल है
यूरोप ग्लोबल नॉर्थ और फिर जंगे
होंगी वह आ रहे हैं हम रोक रहे हैं तो
चारों तरफ तबाही होगी आग होगी युद्ध होगा
देन वन टेंपरेचर राइज फदर बियोंड ए पॉइंट
तो नॉर्थ पोल के अराउंड जो सारा परमा
फ्रॉस्ट है जो आप बोल रहे थे व सब पिघलने
लगेगा तो वो पिघले तो सदियों बल्कि
करोड़ों सालों का जो मीथेन उसमें कैद है
वो रिलीज होगा तो फिर ग्रीन हाउस गैसेस
एक्सपो शियली बढ़ जाएगा तो फिर जिसे कहते
हैं रन अवे क्लाइमेट चेंज फिर कुछ रोके भी
नहीं रुकेगा मतलब एक छोटी सी धारा निकलती
है अगर आपके बांध से उसको तो रोक सकते हैं
ना जब वह बड़ी बन जाए बड़ी बन जाए फिर
उसके बाद फिर वह एक्सपो शियल स्पीड पर
बढ़ने लगेगा फिर बहुत जल्द हर तरफ से
युद्ध होंगे
खाना नहीं होगा वगैरह वगैरह से एंड जब
मैंने जाना मुझे समझ में नहीं आया कि अगर
यह हमारा फ्यूचर है तो हम आज भी हिंदू
मुस्लिम पॉलिटिक्स क्यों कर रहे हैं और आज
की वीडियो में यही डिस्कस करते हैं वीडियो
में आगे बढ़ने से पहले कंप्यूटर जी जनता
से एक जरूरी सवाल पूछा
जाए कंप्यूटर जी नहीं है मुझे ही पूछना
पड़ेगा ठीक है ओके इनमें से कौन सी कंट्री
दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैसेस
इमिट करती हैं ऑप्शन वन अमेरिका ऑप्शन टू
चाइना ऑप्शन थ्री रशिया या ऑप्शन फोर इटली
यूके स्पेन पूरी यूरोपियन
यूनियन जवाब सोच के रख लिया अगर आपका जवाब
सही निकलता है तो भाई बहुत फायदा हो सकता
है आप सही जवाब है डोनाल्ड ट्रंप भाई का
फेवरेट चाइना अब यहां तो आपको मेरी
वाहवाही के अलावा कुछ नहीं मिलेगा पर ऐसे
ही अगर 50 क्वेश्चंस आप और सॉल्व कर पाओ
तो आपको मिल सकता है एक आ मैकबुक या फिर
एक टैबलेट वो भी बिल्कुल फ्री फ्री फी
फ्री आपको इन सब चीजों में इंटरेस्ट नहीं
है तो आपको मिल सकता है ऑस्ट्रेलिया में
जाने का फ्री टिकट जहां आप देख सकते हो
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का मैच भाई पैट
कमिंस की बॉल पे चौका कोली की 81 सेंचुरी
ये देख ली तो क्या चाहिए और फिर तो पिघल
जाने दीजिए ग्लेशियर सब डूब के मर जाएंगे
एंड अगर आप ये बोल रहे हो कि भाई ये सब
सुनने में एक्साइटेड है पॉसिबल नहीं है तो
भाई बता दूं बिल्कुल पॉसिबल है अगर आप ऐसे
ही आसान सवालों के जवाब दे सकते हैं तो
संडे नवंबर 10th को अनअकैडमी करने जा रहा
है सारी यूपीएससी एस्पायरेंट्स के लिए
यूसीएससी टेस्ट जहां आप ऐसे ही कुछ इजी
क्वेश्चंस आंसर करेंगे और आप जीत सकते हैं
50 करोड़ तक की एक्साइटिंग रिवार्ड्स एंड
स्कॉलरशिप अपॉर्चुनिटी टेस्ट कब होने वाला
है आने वाली 10 नवंबर को सुबह 11:00 बजे
और शाम को 5:00 बजे और कोई दिक्कत नहीं है
क्वेश्चंस हिंदी और इंग्लिश दोनों में
होंगे इस टेस्ट में फ्री इनरोल करने के
लिए नीचे डिस्क्रिप्शन और पिन कमेंट में
लिंक मैंने दे रखा है unacademy.com
नहीं करना वैसे ही तुम दिनभर किताबें
पढ़ते रहते हो यहां वहां का ज्ञान ले सकते
हो उससे भाई अपना कुछ भला कर लो एक इतना
मैकबुक ले लो कोई i वाईफ ले लो या फिर भाई
क्रिकेट में बॉर्डर गावसकर वो भी
ऑस्ट्रेलिया में अगर आप न्यूज़ सुनते हो
तो आपने कई बार सुना होगा कि क्लाइमेट
चेंज हो रहा है क्लाइमेट चेंज हो रहा है
और हर दूसरे हफ्ते एक ऐसी न्यूज़ आती है
कि डर और बढ़ जाता है जनवरी हिस्ट्री की
सबसे गर्म जनवरी फरवरी हिस्ट्री की सबसे
गर्म फरवरी मार्च सबसे गर्म अप्रैल मे जून
जुलाई और हाल ही में अक्टूबर भी सबसे गर्म
अक्टूबर अभी तक का एंड इन जनरल 2024 भी
रिकॉर्डेड हिस्ट्री का वर्मेस्ट ईयर बना
जस्ट लाइक 2023 एंड 2022 और अब ऐसी-ऐसी
चीजें हो रही है जो पहले कभी नहीं होती थी
लद्दाख में एसी बिकने लगे हैं ओम पर्वत पर
बर्फ खत्म हो गई केरला में बाढ़ आ रही है
यहां बाढ़ वहां साइक्लोन हर महीने फर्स्ट
ऑफ इट्स काइंड न्यूज़ और ये सब इंडिकेट
करता है कि हमारा इकोसिस्टम बहुत तेजी से
बदल रहा है और फिर जब आप मेन स्ट्रीम
मीडिया न्यूजपेपर्स पढ़ते हो तो समझ में
आता है कि यार ऑलमोस्ट ल कवरेज है एंड देन
यू वंडर व्हाई क्लाइम ट चेंज द मोस्ट
डेंजरस थ्रेट हैज द लीस्ट कवरेज पर हैप्स
अगर उसको विदेशी साजिश बता देंगे तो शायद
थोड़ा लोग ध्यान दे देंगे हम लोग बिल्कुल
ध्यान नहीं दे रहे जबकि बहुत क्लियर है कि
कितना भी तुम भगवान के नाम पर लड़ लो खतरा
इतना बड़ा है भगवान भी नहीं बचा पाएंगे
एंड आई थिंक ऐसा इसलिए भी है क्योंकि
प्रॉब्लम की सीरियसनेस लोगों को अभी तक
अच्छे से पता नहीं चल पा रही मतलब कोई ऐसी
वीडियो नहीं है अभी इंटरनेट पर जो आपको
पूरा देख के बता दे कि अरे भाई यह सब
चीजें हो रही है और अगर नहीं संभले तो गए
खत्म टा बाय बाय गया इसलिए अगर कमजोर दिल
के हो तो वीडियो आगे मत देखना क्योंकि
यहां मैं बताऊंगा कि क्लाइमेट चेंज कितना
बड़ा खतरा है और कितनी जल्दी कितने ज्यादा
लोगों की जान जाने वाली है ये वीडियो आपकी
आंखें खोल देगी दिल दहला देगी कान सुन कर
देगी बेसिकली अभी पुर्जे पुर्जे खुल
जाएंगे आपके देखो एक बहुत गलत धारणा है कि
क्लाइमेट चेंज इज जस्ट ग्लोबल वार्मिंग
मतलब तापमान बढ़ेगा आगे जाके गर्मी बहुत
हो जाएगी जो कि गलत है देखो क्लाइमेट चेंज
सिर्फ टेंपरेचर ये एसी की एफिशिएंसी और
कपड़े की चॉइस तक सीमित नहीं है क्लाइमेट
चेंज का मतलब है कि मौसम हो गया मारू
मुंडी उल्टी पुल्टी हो गई है देखो अभी ना
वेदर पैटर्स है आपको पता होता है कि मई
में गर्मी आएगी दिसंबर में सर्दी होगी बट
क्लाइमेट चेंज से वेदर पैटर्न चेंज हो रहा
है मई तक सर्दी चल सकती है और दिसंबर में
गर्मी हो सकती है फरवरी में बारिश आ सकती
है अप्रैल में पतझड़ हो सकता है कुछ पता
नहीं चलेगा सब मामला उल्टा-पुल्टा हो रहा
है अंग्रेजी का टर्म है एक्सट्रीम वेदर
कंडीशंस एंड सिर्फ एक जगह गर्मी बढ़ रही
है ऐसा नहीं है दुनिया भर में अलग-अलग जगह
ऐसी इवेंट्स हो रहे हैं जिसमें साइंटिस्ट
बोल रहे हैं दैट द वर्ल्ड एज वी नो इट इज
चेंजिंग जिंदगी ना मिलेगी दोबारा देखिए वो
नीचे समुद्र में जाते हैं कोरल रीव्स
दिखाते हैं वो खत्म हो रहे हैं दुनिया भर
में सहारा रेगिस्तान में बारिश आ रही है
हिमालय में बर्फ पिघल रही है ऑस्ट्रेलिया
में वाइल्ड फायर्स हो रहे हैं साउथ
अमेरिका में सूखा पड़ रहा है और
अंटार्कटिका में ग्रीनरी हो रही है
क्योंकि बर्फ पिघल रही है ये ऐसी न्यूज़
है जो पहले कभी नहीं आती थी पर अब चीजें
हो रही है तो सुनने को मिल रही है एंड
थिंग्स आर नॉट जस्ट हैपनिंग अबब द सी
समुद्र के अंदर बिलो सी लेवल भी हो रहा है
जो हवा का टेंपरेचर बढ़ता है उसको ओशियस
बहुत एब्जॉर्ब करते फिनोमिना है अब
क्योंकि ओशन का टेंपरेचर बढ़ रहा है तो उस
एसिडिफिकेशन से कोरल ब्लीचिंग हो रही है
मतलब समुद्र की सतह पे जो वेजिटेशन है वो
खत्म हो रहा है तो फिर मछलियां नहीं खा
पाएंगी मछलियां नहीं खा पाएंगी तो भाई
मछलियों से और जो मछलियां खाती हैं जो
समुद्र टट प लोग रहते हैं पूरे एक फूड चेन
है वो सब खराब हो रहा है और अगर ऐसा होता
रहा तो
डॉक्यूमेंटेशन की बात कर रहे हो तो बिलियन
में नंबर यहां भी आ रहा है जब क्लाइमेट
चेंज की बात होती है तो बस यही बोला जाता
कि भाई गर्मी बढ़ रही है गर्मी बढ़ रही है
व्हिच इज पार्ट ऑफ द ट्रुथ गर्मी बिल्कुल
बढ़ रही है अभी कुछ टाइम पहले हम लोग
हिमाचल के कांगड़ा गए थे वहां जहां लोग
स्वेटर में जाते हैं पहाड़ बर्फ एंजॉय
करते हैं बर्फ का तो नामो निशान नहीं था
भाई 5000 फीट की ऊंचाई पे 5 सेकंड भी धूप
में खड़ा नहीं हुआ जा रहा था इतनी गर्मी
है एंड ये वीडियो में मैं यही करने वाला
हूं आपको बस अलग-अलग एस्पेक्ट्स ऑफ
क्लाइमेट चेंज बताऊंगा ताकि आपको समझ में
आए कि नहीं भाई क्लाइमेट चेंज का मतलब
सिर्फ वार्मिंग नहीं है फॉर एग्जांपल सोइल
डिग्रेडेशन क्योंकि पूरा एक इकोसिस्टम बना
हु हुआ है और जब यह पूरा इकोसिस्टम खराब
होता है पेस्टिसाइड पोल्यूशन एंड अदर
फैक्टर्स से इंक्लूड होते हैं तो सोइल
डिग्रेड हो रही है जिसकी वजह से क्वालिटी
ऑफ क्रॉप्स फसल में भारी गिरावट आई है
उसके ऊपर हर साल या तो सूखा पड़ रहा है या
तो बाढ़ आ रही है और इससे पता कितने लोग
खतरे में हैं 80 पर ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन जो
ज्यादातर अफ्रीकन एशियन रीजन में है मतलब
हम दोनों तो पक्के में एंड ये सुनके इतना
बेबस लगता है क्योंकि वैसे ही हम कहां
आजकल अच्छा खाना खा पा रहे हैं और अब फसल
की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों कम हो गई
है एंड व्हाट्स आरोनिक केस कि क्लाइमेट
चेंज में इंडिया को सबसे ज्यादा खतरा है
और यहीं पर एक ये नॉन इशू है अभी तक कोई
भी क्लाइमेट चेंज को लेके सीरियसली बात
नहीं करता देहरादून में एक बस एक
प्रोटेस्ट उसके बाद से कोई भी क्लाइमेट
चेंज को सीरियसली नहीं ले रहा जबकि हिंदू
किश ग्लेशियर जहां से हमारी गंगा यमुना
ज्यादातर नदियां निकलती हैं जहां से बनारस
कानपुर दिल्ली से लेके कोलकात्ता तक पूरे
प्लेंस में जितने करोड़ों करोड़ों लोग
रहते हैं वो आबादी सजती है वहां पर सबसे
ज्यादा खतरा है वो रेड जोन में अगर आप
हिंदू कोश ग्लेशियर से ले लो ना तो भाई
लगभग एक 160 करोड़ लोग प्लेंस में 24
करोड़ लोग माउंटिंग में लगभग 2 अरब की
आबादी है सिर्फ इंडिया नहीं पाकिस्तान
बांग्लादेश पूरे साउथ एशियन रीजन में 2
अरब की आबादी है जो इन नदियों पे डिपेंड
करती है पर क्लाइमेट चेंज कास्ट और रिलीजन
के पॉलिटिक्स में इशू बन ही नहीं रहा अभी
भी सबको लग रहा है कि सिर्फ बर्फ पिघले गी
थोड़ी गर्मी हो जाएगी ज्यादा कोई नहीं
जहां 22° में सोते थे वहां 20° में सोने
लगेंगे पर ऐसा नहीं है पूरा इकोसिस्टम बदल
रहा है और इंसानों को तो इंपैक्ट कर रहा
है जानवरों को तो कर चुका है वर्ल्ड
वाइल्ड लाइफ फंड का एक अभी रिपोर्ट पब्लिश
हुआ था जिसमें उन्होंने बताया था कि 75 पर
ऑफ वाइल्डलाइफ पॉपुलेशन इज ऑलरेडी डेड
मतलब आज से 200 साल पहले अगर 100 जानवर
हुआ करते थे धरती में तो अभी सिर्फ 25 बचे
75 पर ऑफ वाइल्ड लाइफ पॉपुलेशन इज डेड एंड
नो वन इज गिविंग अ शिट सोच के देखो यार
कहां दिखते हैं वो चिड़िया वो गिद्द वो
डॉल्फिंस सब तो खत्म हो गया आधे जंगल मिटा
मारे हम लोगों ने एंड व्ट्स आइर निक हियर
इज कि आज नेशनलिज्म को सबसे बड़ा इशू
बनाया जाता है कि तू मुझसे अग्री नहीं
करता तू पाकिस्तान चले जा तू अफगानिस्तान
आप जाओगे आप अपना देश छो ड़ के माइग्रेट
करोगे पर उसका रीजन आपका रिलीजन नहीं
क्लाइमेट होने वाला है कहा जाता है कि
क्लाइमेट माइग्रेशन की वजह से वर्ल्ड वॉर
3 होगा वर्ल्ड बैंक का डाटा है कि 2050 तक
जो क्लाइमेट माइग्रेंट्स हैं वो लोग जो
अपने एरिया को इसलिए छोड़ देंगे क्योंकि
उनके एरिया रहने लायक ही नहीं बचेगा यहां
तो पानी वहां पे खत्म हो जाएगा यहां पर
वहां पर गर्मी इतनी होने लगेगी कि वो
दूसरे देश माइग्रेट करना चाहेंगे ऐसे
क्लाइमेट माइग्रेंट्स की संख्या होगी 22
करोड़ और मोस्ट प्रोबेबली हमारा जो एरिया
है जो दिल्ली यूपी बिहार हिंदी हार्टलैंड
का एरिया है यहां पर जो टेंपरेचर है वो
ह्यूमन सर्वाइवेबिलिटी लिमिट से ऊपर जाने
वाला है मतलब हम और आप हो सकता है अपना घर
छोड़ना पड़ जाए और ये ज्यादा दूर की बात
नहीं है 10 या 20 सालों के अंदर हो जाएगा
ये देखो मेरा वीडियो बनाने का पॉइंट आपको
डराना नहीं है पर लाखों लोग मारे जा चुके
हैं और अगर नहीं संभले तो करोड़ों लोग
मारे जाने वाले हैं इस डर का लोगों में
होना जरूरी है अब क्लाइमेट चेंज कल होने
वाला नहीं है परसों हो चुका है कोई भी
इंसान जो चीजों को रैशली देख पा रहा है
बहुत क्लियर है कि 2030 तक ये आपकी जिंदगी
का सबसे बड़ा इशू बन जाएगा एंड लेट दिस बी
पुट ऑन रिकॉर्ड कि इट्स 2024 एंड वी आर
नॉट गिविंग अ आज भी टीवी पर हिंदू खतरे
में है मुसलमान खतरे में है सिख खतरे में
ईसाई खतरे में तुम सब खतरे में हो और जब
टेंपरेचर 55 60 के ऊपर जाएगा ना तुम मंदिर
मस्जिद में एसी लग जाएंगे तुम घर में बैठे
रह जाओगे पर मेरा काम है ऐसे मुद्दों पर
वीडियो बनाना आपको बताना क्योंकि आपका पता
होना जरूरी है कि आज जो सिविलाइजेशन का
सबसे बड़ा खतरा है वो कितना बड़ा खतरा है
उसकी शुरुआत कैसे हुई हम क्या कर सकते हैं
एंड मोस्ट इंपॉर्टेंट हम क्या कर रहे हैं
चलो शुरू से शुरू करते बात है 19वीं सदी
की आफ्टर आवर फर्स्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस
जब इंडस्ट्रियल एज की शुरुआत हुई वर्ल्ड
वॉर वन के पहले जब हमने शहर बनाने शुरू
किए गाड़ियां बनाना शुरू की जब ये
इंडस्ट्रियल एज की शुरुआत हुई तब कार्बन
एमिशन शुरू हुए और तब एनर्जी का इकलौता
सोर्स था कोयला तब हम कोयला जलाते थे
एनर्जी जनरेट करते थे और उससे डेवलपमेंट
होता था और किसी को कोई प्रॉब्लम नहीं थी
पर बात है 1938 की जब एक स्टीम इंजीनियर
था कैलेंडर नाम का तो उसने क्या किया कि
उस टाइम पे 147 वेदर स्टेशंस का डाटा
कलेक्ट किया और उसने पाया कि पिछले 50 साल
में जब से ये इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन की
शुरुआत हुई है तब से जो वर्ल्ड ओवर
टेंपरेचर है अगर आप एवरेज मिलाओ तो देखो
कि 0.3 डिग्री का चेंज आया है एंड दैट वाज
द फर्स्ट साइन ऑफ क्लाइमेट चेंज और उसने
अंदाजा लगाया क्योंकि एटमॉस्फेयर में
क्योंकि जो एक्स्ट्रा co2 रिलीज हुआ है
रिसेंटली उसकी वजह से टेंपरेचर चेंज हुआ
होगा बट इनिशियली किसी ने भरोसा नहीं माना
उसका एंड फ्रॉम दैट टाइम टू द एंड ऑफ
लास्ट डिकेड मेनी पीपल कंसीडर्ड क्लाइमेट
चेंज टू बी अ हक्स ग्लोबल वार्मिंग एंड ल
टक्स इट्स अक्स बस अभी की दो-तीन सालों
देख के ये लिबरल बाजी हो रही है बस बट
1938 में जब इस लड़के ने पता लगाया उसके
बाद से चीजें थोड़ी-थोड़ी और क्लियर होने
लगी और डेटा पॉइंट सामने आने लगे जिसमें
पता चलने लगा कि हां भाई शायद क्लाइमेट
बदल रहा है गर्मी थोड़ी और बढ़ गई है
ग्लेशियर्स थोड़े और पिघल गए हैं ओशियन
लेवल थोड़ा राइज करने लगा है एंड इट वाज द
ईयर
1979 जब पहली बार क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस हुआ
और दुनिया भर के जितने भी देश हैं सब साथ
में आए और उन्होंने ये माना कि भाई हां
क्लाइमेट चेंज कुछ हो रहा है और हमें उसके
लिए कुछ करना चाहिए यहां पता लग गया कुछ
करना है क्या करना है वो पता चला 1992 में
जब न्यूयॉर्क में क्लाइमेट की एक ग्लोबल
समिट हुई तो जहां उन्होंने बताया कि ग्रीन
हाउस गैसेस लाइक co2 सल्फर डाइऑक्साइड
वगैरह इन सबको कम करते हैं इनकी वजह से
क्लाइमेट चेंज हो रहा है पर कोई भी
कंक्रीट एक्शन हुआ उसके 23 साल बाद आज भी
अगर आप पूरी ह्यूमन हिस्ट्री खंगा लोगे तो
एक ये पॉइंट है 2015 पेरिस क्लाइमेट
अकॉर्ड जहां आप पॉइंट आउट कर सकते हो कि
दुनिया भर साथ में आया और उन्होंने बोला
कि हां भाई क्लाइमेट चेंज को लेकर कुछ
प्रॉब्लम है ग्रीन हाउस गैसेस कम करनी है
और ये चीज हम करेंगे सबको लेकर क्लाइमेट
टारगेट सेट हुए और डिसाइड किया गया कि जो
ग्लोबल एवरेज टेंपरेचर है उसको 2 डिग्र से
ज्यादा नहीं बढ़ने देंगे दिस वाज कॉल्ड द
पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट और उसके बाद से
हर दूसरे साल एक कॉप समिट होती है जहां पर
देश आते हैं और अपने क्लाइमेट गोल सेट
करते हैं जैसे इंडिया ने सेट किया है कि
2070 तक हम नेट ज़ीरो एमिशंस पे चले
जाएंगे मतलब कि टोटल क्लीन एनर्जी पे
शिफ्ट कर जाएंगे अभी हम ईवी पे शिफ्ट कर
रहे हैं ना जैसे वैसे ही द एम इज टू
कंट्रोल ग्लोबल टेंपरेचर विद इन 2 डिग्री
सी 2 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं बढ़ने
देना क्योंकि साइंटिस्ट ने एस्टिमेटर
ग्लोबल टेंपरेचर अगर 2 डिग्री सी से
ज्यादा बढ़ गया तो क्लाइमेट कैटास्ट्रोफीज
कैटास्ट्रोफीज अगर आप ही समझो तो ज्यादा
बेटर है सुनने में देखो हम जैसे एवरेज
लोगों को 1 डिग्री 2 डिग्री बहुत माइन्यूट
लग सकता है पर यही है जो पूरा डिफरेंस
बनाता है वर्ल्ड इकोसिस्टम बहुत बैलेंस्ड
होता है ये कंपाउंड इंटरेस्ट की तरह काम
करता है अगर कंपैरिजन के लिए बताऊं तो
वर्ल्ड टेंपरेचर 1850 तक सिर्फ 0.06 डिग
चेंज किया था 1982 से ये रेट 0.2 डिग्री स
पर डिकेड हो गया अभी भी 1 डिग्री से नीचे
है लेकिन तीन गुना राइज है और फिर जब
आईपीसीसी की रिपोर्ट आई तो उन्होंने बताया
कि भाई 1.3 ° तक तो टेंपरेचर ऑलरेडी बढ़
चुका है और तो अब आप सोचो इतना काण कलेश
अंटार्कटिका में बर्फ का पिघलना रेगिस्तान
में बर्फ का आना ये सिर्फ 1 डिग्री के
चेंज पे हुआ है और ये कंपाउंडिंग इफेक्ट
होता है 1° से 2° सी में जितना चेंज है
उतना ही चेंज प2 से 3 में नहीं है डबल है
तो एक कंपाउंडिंग इफेक्ट है तो आप सोचो कि
1 डिग्री में अगर इतना हो गया तो 2 डिग्र
में क्या ही हो जाएगा और साइंटिस्ट ने बोल
दिया कि 2 डिग्री चेंज तो हो ही जाएगा अब
सवाल ये है क्या हम डिजास्टर को
कैटास्ट्रोफीज से रोक सकते हैं और तब मैं
ऐसे लोगों से रिलेट करता हूं जो कुछ भी
करते हैं कहते हैं कि क्या फायदा दुनिया
तो खत्म होने वाली है क्योंकि काल करे सो
आज करे आज करे सो अब कल मरना है तो आज मरो
फिर एंड अगर आपकी एज 15 या उससे ज्यादा है
अगर आप एक कपल हो तो सोच के देखो आज की
डेट में ऐसे माहौल में अगली पीढ़ी लाने का
क्या सेंस बनता है एंड तब सवाल उठता है इज
इट वर्थ इट फॉर द नेक्स्ट जनरेशन अब आपने
वो मीम देखा होगा ना कि क्या फायदा
ग्लेशियर बचाने का ये सा ले डूब के मर
जाएंगे भाई वो डूब के झुलस के भूख से मर
तो जाएंगे ही तब सवाल उठता है दैट इज इट
इवन वर्थ इट क्या सेंस बनता है ऐसे टाइम
में जब हम क्लाइमेट फिक्स नहीं कर रहे
अगली पीढ़ी को लेके आना वो कितनी
परेशानियां झेले गे इलन मस्क की कसम
मार्क्स पे जाना ही पड़ेगा क्योंकि धरती
तो हम रहने लायक नहीं छोड़ रहे एंड लोकल
पॉलिटिक्स में रिफ्लेक्ट नहीं कर रहा बट
आप सोच के देखो कितनी बड़ी प्रॉब्लम होगी
कि वर्ल्ड ओवर कंट्रीज एक साथ आ रही है कब
हुआ है ऐसा दो ही बार हुआ है मेरे ख्याल
से एक वर्ल्ड वॉर के टाइम पर और एक कोविड
के टाइम पे जब दुनिया भर की कंट्रीज एक
साथ आई है अब तो ओलंपिक्स में भी सारी
कंट्रीज एक साथ नहीं आती इंडिविजुअल लेवल
पर अब आप क्या कर सकते हैं देखो अब मेरा
मानना है कि एक व्यक्ति इस चीज में कुछ
नहीं कर सकता बड़े लेवल पर कलेक्टिवली
पॉलिसी चेंज की जरूरत है तब जाके क्लाइमेट
चेंज को एक बड़ा मुद्दा बना सकते हैं बट
फिर भी आप इंडिविजुअल लेवल पर तीन चीजें
कर सकते हैं पहला एज एन इंडिविजुअल अपना
कार्बन फुटप्रिंट कम कर सकते हैं यानी कि
आप जो भी चीज खरीद रहे हो जिस भी फास्ट
फैशन में जा रहे हो सबका एक कार्बन कॉस्ट
होता है सबको बनाने में रिसोर्सेस लगते
हैं सबको बनाने में एनर्जी लगती है तो अगर
आप चार जूते पहनते हैं तो तीन जूते पहनने
लगो तीन पहनते हैं तो दो और आपका जो
रिसोर्सेस है आपका कार्बन फुटप्रिंट है
उसको कम से कम तक लेके आओ कम से कम फालतू
की चीजें खरीदो ज्यादा से ज्यादा चीजें
रिसाइकल करो दूसरी चीज जो शायद काफी लोगों
के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगी बट आपको
डायलॉग याद होगा सम टाइम्स द राइट थिंग टू
डू एंड द डिफिकल्ट थिंग टू डू आर यूजुअली
द सेम थिंग तो जो दूसरी चीज है वो है कि
हमको एक नॉन वेजिटेरियन एक सात्विक डाइट प
जाना पड़ेगा क्योंकि जो मीट होता है उसका
कार्ब अर्न कॉस्ट ज्यादा होता है इसलिए
अगर आप क्लाइमेट के बारे में जेनुइनली
केयर करते हैं तो एक वेजिटेरियन डाइट की
तरफ जाएं और तीसरा जो आप अकेले नहीं कर
सकते हम सबको मिलके करना पड़ेगा वो कि
क्लाइमेट इशू को एक पॉलिटिकल एक इलेक्टोरल
इशू बनाना पड़ेगा क्लाइमेट चेंज को लेके
हमें पॉलिसीज बनानी पड़ेगी नेताओं को भाषण
में क्लाइमेट चेंज के लेकर बात करनी
पड़ेगी क्लाइमेट चेंज पर हमें सवाल पूछने
पड़ेंगे जो देहरादून के लोगों ने
प्रोटेस्ट किया ऐसे बाकी सिटीज के लोगों
को भी खड़े होकर अपने क्लाइमेट को लेकर
आवाज उठानी चाहिए अगले जब ना हो तो
क्लाइमेट चेंज एक मुद्दा होना चाहिए और ये
एक ऐसी चीज है जो आप आज स्टार्ट कर सकते
हो जितना मैंने पढ़ा समझा मेरा फर्ज था एक
वीडियो बनाने का और अगर आप मेरी बात से
अग्री करते हैं तो आप इस वीडियो को शेयर
कर सकते हैं ज्यादा से ज्यादा लोग तक ये
बात पहुंचा सकते हैं कि आपकी लाइफ का सबसे
बड़ा मुद्दा आपका धर्म नहीं है आपका
पर्यावरण है नॉट रिलीजन इट इज द
एनवायरमेंट वीी हैव टू प्रोटेक्ट दोस्तों
के साथ शेयर कर सकते हो स्टोरीज पर लगा
सकते हो इस पार्ट को कट करके इसके रील्स
बना सकते हो जो करना है करो पर ज्यादा से
ज्यादा लोगों तक ये बात पहुंचाओ कि
क्लाइमेट चेंज देश का सबसे बड़ा मुद्दा
होना चाहिए बहुत सारी ऐसी ऑर्गेनाइजेशन है
बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो क्लाइमेट चेंज
पर आवाज उठा रहे हैं पर उस आवाज को और
मजबूत करने की जरूरत है हम सब साथ में
मिलके एक नारा लगाएंगे तो शायद एक मूवमेंट
बन सकता है तो इसलिए वीडियो को आप जहां
जिसके साथ शेयर कर सकते हैं प्लीज कीजिए
और लोगों को बताइए कि भाई धर्म महंगाई
अनइंप्लॉयमेंट सबसे ज्यादा इस टाइम पर देश
का दुनिया का आपका मेरा हमारा सबका सबसे
बड़ा मुद्दा क्लाइमेट चेंज है और
डिस्क्रिप्शन में और पिन कमेंट में जो
लिंक दिया है उसमें जाके रजिस्टर करो फॉर
अनअकैडमी यूसीएससी टेस्ट अवेलेबल फॉर ऑल
यूपीएससी एस पेरेंट्स ऑन 10th ऑफ नवंबर
सुबह 11:00 बजे एंड शाम को 5:00 बजे
कंडीशंस अप्लाई
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